बहुत बड़े दादा हो
डान हो, कतली हो
का हो तुम?
अरे जो भी हो
मुझसे दूर रहो
एही में कल्याण है
मुझसे उलझे बेटा
समझो गए
पता भी नहीं चलेगा
कभी आये भी थे
याद करो
तुमसे पहले भी
थे कई महारथी
पर गए न एक एक करके
जस करनी तस भरनी
बेटा एक बात गांठ से बांध लो मेरी
अगर बहुत इच्छा है
कि तुमसे कोई एक आदमी डरे
तो दस से डरने के लिए तैयार रहो
यही नियम है दादागिरी का
और ई जो तमन्ची दिखा रहे हो न हमें
तरस आता है
कै ठो कारतूस है तुम्हरी जेब में
चार, छः, दस – बस
जखीरा देखे हो कभी
अब ई आँखें का फाड़ रहा है बे
का अंगरेजी बोल दिए का
जहाँ पेटी का पेटी रखा होत है
ओका कहते हैं जखीरा
देखोगे?
काँप काहे रहा है बे
बैठ, ले पानी पी
बेटवा, तूँ जे के बल पे उछलता है
ओका दम देइ वाला
इहाँ आ के ऐसहीं बैठता है
जैसे तुम बैठे हो अभी
बच्चे हो, जाओ माफ़ किया
पर आइन्दा…. ……
सुन, तोका एक अउर
पते का बात बता देतें हैं
याद रखोगे तो कुछ
जादा दिन जी जाओगे
बड़का से बड़का बदमाश न
तबहीं तक जिन्दा रहत है
जब तक ओके सर पे
कौनो शरीफ का हाँथ होत है
हाँथ हटा कि पत्ता कटा
खेल ख़तम अउर होई गए कहानी
अब तू सोच रहे हो न
कि आखिर हम कौन हैं
अरे बेटवा, घबराओ मत
हम बहुत शरीफ आदमी हैं. हा हा हा